गाँधी जी के अनुसार मनुष्य में जहां एक ओर पशुबल है, वहीं दूसरी ओर में आत्मबल भी है। पशुबल मनुष्य की हिंसात्मक वृत्ति की ओर संकेत करता है, जो मानव सत्ता का आधार है। गाँधी जी कहते हैं, कि हम सब मौलिक रूप से कदाचित् पशु थे, किन्तु विकास प्रक्रिया में मनुष्य बन गए हैं। […]
Month: November 2023
महात्मा गाँधी के अनुसार अहिंसा की अवधारणा
“अहिंसा का अर्थ केवल ऋषियों और सन्तों के लिए ही नहीं है, सामान्यलोगों को भी इस धर्म का पालन करना चाहिए ।” महात्मा गाँधी “अहिंसा” शब्द निषेधात्मक ‘अ’ उपसर्ग से आरंभ होता है। जिसका अर्थ हुआ, दूसरे प्राणियों की हानि और हत्या न करना, किन्तु गाँधी जी अहिंसा के शाब्दिक अर्थ से कहीं आगे बढ़ […]
महात्मा गांधी के अनुसार सत्य एवं ईश्वर की अवधारणा
सत् के वास्तविक अर्थ को समझने के लिये इसके शाब्दिक स्वरूप को समझना आवश्यक है। सत् को अंग्रेजी में राईट (Right) कहा जाता है। जिसकी व्युतपप्ति लेटिन के रेक्टस (Rectus) शब्द से हुई है। ऐक्टस शब्द का अर्थ है नियमानुसार इस प्रकार सत् शब्द का शब्दार्थ हुआ नियमानुसार शब्दिक अर्थ के आधार पर हम सत् […]
भारतीय दर्शन में अहिंसा
हमारे भारतीय दर्शन में अहिंसा पे कुछ श्लोक मिलते हैं जो प्राचीन के साथ-साथ महत्वपूर्ण और विशेष सारगर्मित हैं। “जो मनुष्य किसी को राक्षव भाव से नष्ट करना चहता है, वह स्वयं अपने कर्मों से नष्ट हो जाता है।” – ऋग्वेद “आप अपने शरीर से किसी को पीड़ित न करें।” – यजुर्वेद “अहिंसा परम धर्म […]
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी पैगम्बर भी थे और राजनीतिज्ञ भी उन्होंने राजनीति को धर्म से कभी अलग नहीं माना और सत्य, अहिंसा तथा सत्याग्रह के साधनों से भारत के राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम का संचालन किया। ब्रिटिश राज्य के विरुद्ध उनके रोषपूर्ण विद्रोह में भी उनकी गहरी नैतिक भावना ही निहित थी. उनके नेतृत्व में राष्ट्र एक विराट […]
महान गौंड राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती | Gound Samrgni Vreeyangna Rani DurgaVati Jabalpur
Rani DurgaVati Jabalpur : मुग़ल सम्राट अकबर की सेना में जिसने खौफ और डर पैदा कर रखा था, साथ ही बुंदेलखंड के राजाओं का विस्तार वादी सेना को कभी गौंड राज्य की सीमा में घुसने ही नहीं दिया वो गौंड महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती थी जिनकी सेना में अफगान लडके भी तैनात थे गौंड राज्य […]
भारत का राबिन हुड टंटया भील Tantya Bhil
भारत के राबिन हुड कहे जाने बाले टंटया भील का जन्म मध्यप्रदेश के वर्तमान जिले खंडवा की तहसील पंधाना के बडदा ग्राम में 1842 में हुआ था टंटया भील के पिता का नाम भाऊ सिंह था इनका वास्तविक नाम तांतिया था क्यूंकि यह वचपन में बिल्कुल पतले थे जिस कारण से इन्हें टंटया कहकर बुलाने […]
भारत की आजादी के इतिहास के पन्नों से गुम आदिवासियों का योगदान भागवान विरसा मुंडा (Birsa Munda)
भारत की इतिहास की आजादी में लेख कौन है आदिवासियों के साथ ऐसी बेईमानी की कि उनके एक योगदान के लिए एक लाइन तक नहीं लिख सके। आजादी के साथ में वह महान वीर नायक जिस का योगदान आदिवासी इतिहास के लिए नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष के लिए भी महान था बहुत ही कम उम्र […]
Thakur Kundan Singh : ठाकुर कुन्दन सिंह अमर शहीद वीर
राजा साहब ठाकुर कुन्दन सिंह और अमर शहीद लक्ष्मण सिंह : नारायणपुर स्टेट( बघराजी कुंडम जबलपुर का इतिहास) सन् 1857 की क्रांति, मदर या प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नाम से मशहूर है। जिसमें हिन्दुस्तान के अधिकांश राजा रजवाड़े ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर विदेशी शासन का खात्मा करने के लिए अंग्रेजों को हलाकान कर […]
Power 64 Yogini Temple (चौंसठ योगिनी मंदिर) | Chousath Yogini Name full list
64 योगिनी 1. दिव्ययोगिनी (Divyayoginī) दिव्य योगिनी या चौंसठ योगिनी में प्रथम माता है और इनके पास योग विद्या में अष्ट सिद्धियां हैं जो इनकी पूजा करता है उन्हें दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह दिव्य सिद्धियां 8 प्रकार की होती हैं।जो इस प्रकार हैं:-यम,नियम,आसन,प्राणायामप्रत्याहार,धारणा,ध्यान औरसमाधि।आप दिव्य योगिनी की विधि विधान से आराधना व […]