July 2022

Sunder Lal Bahuguna and Chandi Prasad Bhatt

पर्यावरण संरक्षण चिपको आंदोलन चंडी प्रसाद भट्ट और सुन्दरलाल बहुगुणा

23 जून 1934 में जन्मे थंडी प्रसाद भट्ट मूलरूप से गांधीवादी और पर्यावरणवादी चिंतक हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की मिसाल कायम की। उनके साथ उनके सहयोगी सुन्दरलाल बहुगुणा ने मिलकर सरकार को पूरे देश में पर्यावरण के प्रति चेतना विकसित करने के लिए प्रेरित और अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए […]

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Mother Teresa

सेवा और प्रेम की प्रतिमूर्ति संत मदर टेरेसा

पीड़ित मानवता की सेवा ही ईश्वर सेवा है, करुणा और सेवा की साकार मूर्ति मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को यूगोस्लाविया में हुआ। वे 1929 में यूगोस्लाविया से भारत आई और कोलकता को केन्द्र मानकर अपनी गतिविधियाँ शुरू की। जिस आत्मीयता से उन्होंने भारत के दीन-दुखियों की सेवा की उसके लिए देश सदैव

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Murumu fulo And Jhano

कहानी दो बहनों की फूलों मुर्मू और झानों मुर्मू संथाल विद्रोह की महिला क्रांतिकारी

फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू अपने संथाल आदिवासी भाइयों के बीच भी वीर क्रांतिकारी सेनानियों के रूप में कम जाने जाते हैं। अगर वे आज भी ऐसा ही करते, तो मुठभेड़ में आतंकवादियों और माओवादियों के रूप में उन शक्तियों का सफाया कर देते। उनके बारे में क्रांतिकारी क्या है? उनके बारे में वीर क्या

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Malala Yousafzai

जान की बाजी लगाकर स्त्री शिक्षा के लिए संघर्ष – मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai)

सकारात्मक परिवर्तन के अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण जान की बाजी लगाकर स्त्री शिक्षा के लिए संघर्ष – मलाला युसुफजई मलाला युसुफजई (जन्म 12 जुलाई 1997) स्त्री शिक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ न झुकने के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर पूरे विश्व में संघर्ष और सकारात्मकता का एक प्रतीक बन गयी है। मलाला का जन्म पाकिस्तान

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Kailash Satyarthi

स्थानीय संघर्षो से बनता है विश्वस्तरीय अभियान कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi)

स्थानीय संघर्षो से बनता है विश्वस्तरीय अभियान कैलाश सत्यार्थी Kailash Satyarthi मध्यप्रदेश के विकास के मार्ग में अनेक चुनौतियाँ है जिसमें से एक बाल श्रम भी है। जिसके शिकार मासूम बच्चे स्तरीय जीवन से तो दचित होते ही हैं. पढ़ने लिखने का अधिकार खोकर भविष्य के अवसर भी गवाँ देते हैं। बाल श्रम के खिलाफ

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Sakhi Manch

महिला सशक्तिकरण सखी मंच

देवास जिले के खातेगांव तहसील की साक्ट्या ग्राम पंचायत के गाँव नयापुर (बजगाँव) में महिलाओं के सशक्तिकरण और चेतना विकास के लिए गाँव की महिलाओं ने सखी मंच बनाया इसके माध्यम से वे गाँव की समस्याओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शौचालय, राशन की दुकान, स्कूल, आँगनबाड़ी का संचालन तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की प्रभावी उपलब्धियों

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Tiranga

तिरंगा मेरी शान

पुरावस की सरपंच बादामी बाई चार साल के संघर्ष के बाद अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में अपनी पंचायत के स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहरा पाई। तिरंगा मेरी शान, फहराना पहचान दलित महिला सरपंच पूरी गरिमा के साथ ध्वजारोहण कर सके, इसके लिए प्रशासन व पुलिस के अफसर तो मौजूद थे ही, साथ

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Maila Mukti Yatra

सदियों से चली आ रही अमानवीय प्रथा पर साहस ने विजय पाई

यह कैसी विडम्बना है कि आधुनिकता और विकास की कई मंजिलें पार करने के बाद भी सदियों से चली आ रही सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा आज भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। कानूनी प्रावधान होने के बावजूद भी समाज के दलित वर्ग को सदियों से इस बात के लिए

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Gound Jan Jati

35 (Gound pariwar) गोंड़ परिवार की कहानी साहब सिंह भलावी की जुवानी

35 (Gound pariwar) सबका साथ, सबका विश्वास-आजीविका संग सतत् विकास सिवनी जिले के छपारा विकास खण्ड के सोठावाड़ी गाँव में 35 गोंड़ परिवार निवास करते हैं। सिंचाई की सुविधाओं के अभाव में यहाँ खेती लाभदायक नहीं है। जिससे खेती करके वे अधिक से अधिक उपज निकाला करते है। गरीब होने के नाते ये लोग खेती

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Non violence according to Jain

जैन मत के अनुसार अहिंसा भाव

अहिंसा से तात्पर्य है अन्य जीवों की हिंसा का वर्जन जैन दर्शन के जीव संबंधी विचारों में हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जैन दर्शनकार गतिशील द्रवों के अतिरिक्त स्थावर द्रव्यों में जीव को मानते हैं अतः जैन मत के अनुसार केवल ज्ञान जीवों के प्रति अहिंसा भाव ही अहिंसा नहीं अपितु स्थावर जीवों

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