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महिला सशक्तिकरण सखी मंच

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देवास जिले के खातेगांव तहसील की साक्ट्या ग्राम पंचायत के गाँव नयापुर (बजगाँव) में महिलाओं के सशक्तिकरण और चेतना विकास के लिए गाँव की महिलाओं ने सखी मंच बनाया इसके माध्यम से वे गाँव की समस्याओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शौचालय, राशन की दुकान, स्कूल, आँगनबाड़ी का संचालन तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की प्रभावी उपलब्धियों के लिए कार्यरत हैं।

उनके प्रयासों से (वर्तमान में 100 घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है। वर्ष 2008 के और सरपंच के उम्मीदवार तय करने में सखी मंच की नेता पचास वर्षीय कलाबाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

चुनाव के बाद मये सरपंच के कार्यकाल में गाँव में चार सी. सी. रोड बनाये गये। झिरनिया गाँव का प्राथमिक विद्यालय तथा माध्यमिक विद्यालय बजगाँव में खुलवाया गया तथा दोनों गाँवों में विद्यालय भवन का निर्माण भी करवाया गया।

पंचायत चुनाव में इस गाँव से पंच चित्र 3.3 चीन की महिलाएं बैठक करते हुए
संयंत्र के निर्माण पर बल दिया। गोबर गैस के निर्माण से लकड़ी काटने की जरूरत नहीं रही। यह गाँव ऊर्जा गाँव बन गया।

महिला सशक्तिकरण और चेतना विकास की वाहक-सखी मंच

देवास जिले के खातेगांव तहसील की साक्ट्या ग्राम पंचायत के गाँव नयापुर (बजगाँव) में महिलाओं के सशक्तिकरण और चेतना विकास के लिए गाँव की महिलाओं ने सखी मंच बनाया इसके माध्यम से वे गाँव की समस्याओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शौचालय, राशन की दुकान, स्कूल, आँगनबाड़ी का संचालन तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की प्रभावी उपलब्धियों के लिए कार्यरत हैं।

उनके प्रयासों से (वर्तमान में 100 घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है। वर्ष 2008 के और सरपंच के उम्मीदवार तय करने में सखी मंच की नेता पचास वर्षीय कलाबाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चुनाव के बाद मये सरपंच के कार्यकाल में गाँव में चार सी. सी. रोड बनाये गये। झिरनिया गाँव का प्राथमिक विद्यालय तथा माध्यमिक विद्यालय बजगाँव में खुलवाया गया तथा दोनों गाँवों में विद्यालय भवन का निर्माण भी करवाया गया।

अपने गाँव में राशन की दुकान की शुरुआत भी उन्होंने करवाई। गाँव की समस्याओं के लिए सक्रिय काम करने वाले सखी मंच के उम्मीदवारों ने पंचायत चुनाव में सफलता प्राप्त की कलाबाई के प्रयासों से महिलाओं ने दबाव बनाकर ग्राम सभा की बैठकें भी नियमित कराई।

इनके प्रयासों से ग्राम पंचायत के द्वारा स्कूल भवनों का निर्माण, सामाजिक वृद्धावस्था पेंशन सहित पंचायत के सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से सम्पन्न होने लगे। महिलाओं ने संगठित होकर अपने गाँव में पूर्ण शराब बन्दी लागू कराने में सफलता पाई कलाबाई के कार्यों के परिणाम स्वरूप (महिला बाल विकास विभाग, उज्जैन की ओर से 12 फरवरी 2014 को उनके संकल्य, साहस और संघर्ष के लिए प्रशंसापत्र एवं ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कलाबाई के कार्य को सराहते हुए इंदौर के यूनिवर्सल सोलिडेरिटी मूवमेंट ने 7 मार्च 2014 को दस हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया।

श्रीमती कलाबाई ने अपने पुरस्कार की राशि सखी मंच के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए दान में दे दी। सखी मंच के कार्यों से महिलाओं के बीच पर्याप्त जागरूकता आई है।

सखी मंच के इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर गाँव की नबंदी बाई ने अपनी जमीन का एक हिस्सा इस सार्वजनिक कार्य के लिए दान में दे दिया।