Maa Shailputri

Maa Shailputri : शारदीय नवरात्र का प्रथम दिन माता के इस रूप की होती है पूजा

Maa Shailputri : अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि में माता के शारदीय नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है मान्यता है। की शारदीय नवरात्र के नौ दिनों में माता ने अपने नौ रूपों को धारण कर दुष्टों का सर्वनाश किया था। नवरात्र में माता के इन्ही नौ रूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्र के […]

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लेख
Shardiya Navratri

शारदीय नवरात्रि में जरूर करें देवी माँ दुर्गा स्तुति का पाठ | Shardiya Navratri 2022

शारदीय नवरात्रि में जरूर करें देवी माँ दुर्गा स्तुति का पाठ, (Shardiya Navratri) आपकी पूरी होगी हर मनोकामना अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के नौ दिन के पवन अवसर की शुरुआत होती है। इस साल माँ दुर्गा शक्ति साधना का पर्व 26 सितंबर से शुरू

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लेख
Mata Durga Devi

2022 Shardiya Navratri: इस नवरात्रि पर मां दुर्गा का हाँथी में सवार होकर आने कारण जाने

2022 Shardiya Navratri: इस नवरात्रि पर मां दुर्गा का हाँथी में सवार होकर आने कारण जाने नवरात्रि के नौ दिन में माँ दुर्गा अलग-अलग रूपों में पूजी जाती है और माँ दुर्गा के विभिन्न वाहन क्या है और इनका क्या महत्त्व है। नवरात्रि 2022 में माँ दुर्गा के कोन-कोन से वाहन है और उनका क्या

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लेख
Indian Philosophy Truth and Non Violence

भारतीय दर्शन में महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा का महत्त्व | Mahatma Gandhi Importance of truth and non-violence in Indian philosophy

भारतीय सभ्यता का इतिहास बहुत ही प्राचीन है साथ ही भारतीय दर्शन में सत्य और अहिंसा का महत्त्व (indian philosophy truth and no-nviolence)। ज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में भारतीयों की प्राचीनकालीन प्रगति के चिन्ह मिलते है। दर्शन ओर धर्म के क्षेत्र में तो प्राचीन काल में इनका पूर्ण विकास हो चुका था। पारम्परिक भारतीय चिन्तन में सत्य एवं अहिंसा विषयक चिन्तन भारतीय दर्शन में सत्य और अहिंसा का महत्त्व (indian philosophy truth and non-violence)।

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विचार, ज्ञान, लेख
Nonviolence

गाँधी जी के अनुसार अहिंसा के चार स्तर

इस प्रकार गाँधी जी की अहिंसा के चार स्तर हैं । यदि हम मानव प्रतिष्ठा के मापदण्ड से अहिंसा के स्तरों में भेद करें तो हम अहिंसा के स्तरों को सही ढंग से जान सकेंगे । कायर निम्न स्तर पर वह कायर है, जो प्रतिकार नहीं कार्ता । यह एक ऐसा व्यक्ति हैं जो मय

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विचार, लेख
Mahatma Gandi

गाँधी जी के अनुसार हिंसा पशुबल है, और अहिंसा आत्मबल

गाँधी जी के अनुसार मनुष्य में जहां एक ओर पशुबल है, वहीं दूसरी ओर में आत्मबल भी है। पशुबल मनुष्य की हिंसात्मक वृत्ति की ओर संकेत करता है, जो मानव सत्ता का आधार है। गाँधी जी कहते हैं, कि हम सब मौलिक रूप से कदाचित् पशु थे, किन्तु विकास प्रक्रिया में मनुष्य बन गए हैं।

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लेख, इतिहास
Mohan Das Karmchandra Gandhi

महात्मा गाँधी के अनुसार अहिंसा की अवधारणा

“अहिंसा का अर्थ केवल ऋषियों और सन्तों के लिए ही नहीं है, सामान्यलोगों को भी इस धर्म का पालन करना चाहिए ।” महात्मा गाँधी “अहिंसा” शब्द निषेधात्मक ‘अ’ उपसर्ग से आरंभ होता है। जिसका अर्थ हुआ, दूसरे प्राणियों की हानि और हत्या न करना, किन्तु गाँधी जी अहिंसा के शाब्दिक अर्थ से कहीं आगे बढ़

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जीवन, लेख
Mahatma Gandhi ji

महात्मा गांधी के अनुसार सत्य एवं ईश्वर की अवधारणा

सत् के वास्तविक अर्थ को समझने के लिये इसके शाब्दिक स्वरूप को समझना आवश्यक है। सत् को अंग्रेजी में राईट (Right) कहा जाता है। जिसकी व्युतपप्ति लेटिन के रेक्टस (Rectus) शब्द से हुई है। ऐक्टस शब्द का अर्थ है नियमानुसार इस प्रकार सत् शब्द का शब्दार्थ हुआ नियमानुसार शब्दिक अर्थ के आधार पर हम सत्

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लेख, इतिहास
Nonviolence in Indian Philosophy

भारतीय दर्शन में अहिंसा

हमारे भारतीय दर्शन में अहिंसा पे कुछ श्लोक मिलते हैं जो प्राचीन के साथ-साथ महत्वपूर्ण और विशेष सारगर्मित हैं। “जो मनुष्य किसी को राक्षव भाव से नष्ट करना चहता है, वह स्वयं अपने कर्मों से नष्ट हो जाता है।” – ऋग्वेद “आप अपने शरीर से किसी को पीड़ित न करें।” – यजुर्वेद “अहिंसा परम धर्म

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ज्ञान, लेख, विचार
Priceless Treasure

अनमोल खजाना

प्रकृति ने हमें अनेक अनमोल खजाना दिए हैं परंतु मानव जाति द्वारा इन अनमोल खजानो का अत्यधिक दोहन करने से आज यह हमसे दूर होने वाले हैं आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि वह कौन से अनमोल खजाना है कि जोर से हमें प्रकृति ने फ्री ही दिया है लेकिन अगर हम

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लेख
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