जीवन पथ ( मार्ग) बड़ी मुश्किल और कठिन डगर है, हम अपनी मंजिलें तो तय कर लेते हैं। मंजिलों को पाने के लिए हम कितना भी तय कर लेते। परंतु उस मंजिल तक जाने वाले रास्ता और उस रास्ते पर पड़ने वाले पड़ाव मोर कहीं-कहीं तो थोड़ी बहुत तो कड़वी लगती। पढ़ना तो हम ठोकर को सहने के लिए तैयार होते हैं,और ना ही हम मार्ग पर थोड़ा बहुत फेरबदल और बदलाव करने के लिए तैयार होते हैं। आज ले पर ले कर लिखा गया है।
हर व्यक्ति का एक अपना सपना होता है और उस सपने को पाने के लिए उसका एक अपना फ्री प्लानिंग रूट क्या कहे मार्ग होता है। जिससे उस पर चलना और मंजिल तक पहुंचना की सारी योजना या प्लानिंग की एक रूपरेखा तैयार होती है।
इस दुनिया में हर व्यक्ति अकेला ही जन्म लेता है और अकेले उस व्यक्ति की मृत्यु होती है। साथ ही हर व्यक्ति की शिक्षा-दीक्षा और हर व्यक्ति की समझने और सोचने की क्षमता भी अलग होती है। कोई भी व्यक्ति कितना भी चाहे क्यों है वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर जो उस मंजिल का उसने सपना देखा है और उस मंजिल पर चलने के लिए उसने रास्ते की प्लानिंग की है वह उस पर ही लागू होती है ना कि उसके मित्रों दोस्तों या सहपाठियों पर।
आज हम इस लेख से यह जानेंगे कि हर व्यक्ति का जीवन पथ पर चलने के लिए कितना कठिन होता है।
आप इस जीवन पथ को इतना आसान भी मत समझना यह एक अग्नीपथ है।
कहा भी जाता है