23 जून 1934 में जन्मे थंडी प्रसाद भट्ट मूलरूप से गांधीवादी और पर्यावरणवादी चिंतक हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की मिसाल कायम की। उनके साथ उनके सहयोगी सुन्दरलाल बहुगुणा ने मिलकर सरकार को पूरे देश में पर्यावरण के प्रति चेतना विकसित करने के लिए प्रेरित और अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए […]
Month: November 2023
सेवा और प्रेम की प्रतिमूर्ति संत मदर टेरेसा
पीड़ित मानवता की सेवा ही ईश्वर सेवा है, करुणा और सेवा की साकार मूर्ति मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को यूगोस्लाविया में हुआ। वे 1929 में यूगोस्लाविया से भारत आई और कोलकता को केन्द्र मानकर अपनी गतिविधियाँ शुरू की। जिस आत्मीयता से उन्होंने भारत के दीन-दुखियों की सेवा की उसके लिए देश सदैव […]
कहानी दो बहनों की फूलों मुर्मू और झानों मुर्मू संथाल विद्रोह की महिला क्रांतिकारी
फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू अपने संथाल आदिवासी भाइयों के बीच भी वीर क्रांतिकारी सेनानियों के रूप में कम जाने जाते हैं। अगर वे आज भी ऐसा ही करते, तो मुठभेड़ में आतंकवादियों और माओवादियों के रूप में उन शक्तियों का सफाया कर देते। उनके बारे में क्रांतिकारी क्या है? उनके बारे में वीर क्या […]
जान की बाजी लगाकर स्त्री शिक्षा के लिए संघर्ष – मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai)
सकारात्मक परिवर्तन के अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण जान की बाजी लगाकर स्त्री शिक्षा के लिए संघर्ष – मलाला युसुफजई मलाला युसुफजई (जन्म 12 जुलाई 1997) स्त्री शिक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ न झुकने के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर पूरे विश्व में संघर्ष और सकारात्मकता का एक प्रतीक बन गयी है। मलाला का जन्म पाकिस्तान […]
स्थानीय संघर्षो से बनता है विश्वस्तरीय अभियान कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi)
स्थानीय संघर्षो से बनता है विश्वस्तरीय अभियान कैलाश सत्यार्थी Kailash Satyarthi मध्यप्रदेश के विकास के मार्ग में अनेक चुनौतियाँ है जिसमें से एक बाल श्रम भी है। जिसके शिकार मासूम बच्चे स्तरीय जीवन से तो दचित होते ही हैं. पढ़ने लिखने का अधिकार खोकर भविष्य के अवसर भी गवाँ देते हैं। बाल श्रम के खिलाफ […]
महिला सशक्तिकरण सखी मंच
देवास जिले के खातेगांव तहसील की साक्ट्या ग्राम पंचायत के गाँव नयापुर (बजगाँव) में महिलाओं के सशक्तिकरण और चेतना विकास के लिए गाँव की महिलाओं ने सखी मंच बनाया इसके माध्यम से वे गाँव की समस्याओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शौचालय, राशन की दुकान, स्कूल, आँगनबाड़ी का संचालन तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की प्रभावी उपलब्धियों […]
तिरंगा मेरी शान
पुरावस की सरपंच बादामी बाई चार साल के संघर्ष के बाद अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में अपनी पंचायत के स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहरा पाई। तिरंगा मेरी शान, फहराना पहचान दलित महिला सरपंच पूरी गरिमा के साथ ध्वजारोहण कर सके, इसके लिए प्रशासन व पुलिस के अफसर तो मौजूद थे ही, साथ […]
सदियों से चली आ रही अमानवीय प्रथा पर साहस ने विजय पाई
यह कैसी विडम्बना है कि आधुनिकता और विकास की कई मंजिलें पार करने के बाद भी सदियों से चली आ रही सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा आज भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। कानूनी प्रावधान होने के बावजूद भी समाज के दलित वर्ग को सदियों से इस बात के लिए […]
35 (Gound pariwar) गोंड़ परिवार की कहानी साहब सिंह भलावी की जुवानी
35 (Gound pariwar) सबका साथ, सबका विश्वास-आजीविका संग सतत् विकास सिवनी जिले के छपारा विकास खण्ड के सोठावाड़ी गाँव में 35 गोंड़ परिवार निवास करते हैं। सिंचाई की सुविधाओं के अभाव में यहाँ खेती लाभदायक नहीं है। जिससे खेती करके वे अधिक से अधिक उपज निकाला करते है। गरीब होने के नाते ये लोग खेती […]
जैन मत के अनुसार अहिंसा भाव
अहिंसा से तात्पर्य है अन्य जीवों की हिंसा का वर्जन जैन दर्शन के जीव संबंधी विचारों में हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जैन दर्शनकार गतिशील द्रवों के अतिरिक्त स्थावर द्रव्यों में जीव को मानते हैं अतः जैन मत के अनुसार केवल ज्ञान जीवों के प्रति अहिंसा भाव ही अहिंसा नहीं अपितु स्थावर जीवों […]