Shri Padmavati Devi Temple Panna : श्री पद्मावती मंदिर पन्ना 52 शक्तिपीठ में से एक हैं । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि आदिशक्ति देवी मां जब सती हुई थी उनके दाहिने पैर का आकर यहां गिरा था, इसलिए इसका नाम पद्मावती शक्तिपीठ पड़ा। यह घूमने के लिए बहुत अच्छा है आप परिवार के साथ आएं यह एक माँ आदिशक्ति हिंदू धार्मिक तीर्थ स्थल है।
Padmavati Devi Temple Panna
श्री पद्मावती मंदिर को यहां पर पदमा शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। आप यहां परिवार के साथ आते हैं तो आपके मन को बहुत शांति मिलती है और आपकी हर मनोकामना माता पूरी करती हैं। जीवन के उतार-चढ़ाव भाग दौर से अगर आप परेशान हो गए हैं तो आप आ जाएं कुछ देर विश्राम करें मनन करें और मन को शांत करें आपको इस मंदिर में आकर बहुत अपने मन को शांत कर पाएंगे।
वीरों की भूमि पन्ना शहर में ऐसा माना जाता है कि पद्मावती शक्तिपीठ वह स्थान है जहां देवी भगवती से की गई कोई भी इच्छा वास्तव में पूरी होती है। यहां नवरात्रि के दौरान भव्य उत्सव होता है, जिसमें देश भर से श्रद्धालु लोग, देवी मां का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं। भक्तों की हर मनोकामनाएं इच्छायें देवी मां पूरी करती हैं।
पन्ना शहर में माता का प्राचीन मंदिर एक ऐतिहासिक कथा से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में पद्मावत नाम का राजा इस क्षेत्र पर शासन करता था और वह देवी दुर्गा का भक्त था। उन्होंने इस प्राचीन मंदिर में देवी पद्मावती की स्थापना की और इस स्थान का नाम पद्मावतीपुरी हो गया।
समय के साथ यह स्थान पन्ना के नाम से जाना जाने लगा। देवी पद्मावती का उल्लेख भविष्य पुराण और विष्णु धर्मोत्तर पुराण में भी मिलता है। यह मंदिर छोटे राजाओं का भी पूजा स्थल था। पद्मावती शक्तिपीठ अपने भक्तों के लिए अपार आस्था और विश्वास रखता है।
श्री पद्मावती मंदिर की विशेष विशेषताएं:
पन्ना में किलकिला नदी के पास स्थित, देवी माँ का यह प्राचीन मंदिर स्थानीय रूप से “बड़ी देवन” के नाम से जाना जाता है। मंदिर के पुजारी राम कुमार शुक्ला के मुताबिक, इस दौरान माता की उपस्थिति में क्षेत्रीय बुंदेली भजन गाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी पद्मावती के आशीर्वाद से ही पन्ना इतना समृद्ध है।
माँ आदिशक्ति के 52 शक्तिपीठ के नाम और कहाँ पर स्थित है ?
45 ° का त्रिशक्ति त्रिकोणीय पैटर्न बनता हैं यहाँ
पन्ना, मैहर और पवई का चमत्कारी त्रिभुज: पद्मावती शक्तिपीठ, मैहर का शारदा माता मंदिर और पवई का कालिका माता मंदिर मिलकर एक समबाहु त्रिभुज बनाते हैं। पन्ना और पवई के बीच की दूरी 45 किलोमीटर है, और पवई और मैहर के बीच की दूरी भी 45 किलोमीटर है। इसका मतलब यह है कि ये तीनों स्थान एक-दूसरे से समान दूरी पर हैं और एक त्रिकोणीय पैटर्न बनाते हैं।
दुनिया भर से लोग आशीर्वाद लेने के लिए पन्ना के पद्मावती शक्तिपीठ में आते हैं। इस मंदिर का एक अनोखा पहलू यह है कि यह गंगा-जमुनी संस्कृति का अनूठा मिश्रण प्रदर्शित करता है। हर जाति और धर्म के लोग देवी के सामने माथा टेकने आते हैं। दरअसल, यहां बड़ी संख्या में मुसलमान भी अपनी मन्नतें लेकर आते हैं।
पन्ना का यह पवित्र शहर, अपने पद्मावती शक्तिपीठ के साथ, विभिन्न संस्कृतियों और आस्थाओं की एकता का प्रमाण है, जहाँ भक्तों का मानना है कि उनकी हर इच्छा दिव्य माँ द्वारा पूरी की जाएगी।