MP में मूसलाधार बारिश से तबाही! नर्मदा उफान पर, मंडला-जबलपुर NH बंद, मंडला-डिंडौरी स्कूलों की छुट्टी। Orange Alert जारी 8 जुलाई तक आफत की बारिश! मध्य प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात बिगड़े। जबलपुर, मंडला, बालाघाट समेत कई जिलों में जानें 8 जुलाई तक का पूरा मौसम अपडेट।
मध्यप्रदेश में फिर बदलेगा मौसम का मिजाज मध्यप्रदेश में जून के अंत में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया था। हवा की दिशा बदलने के कारण तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिससे 27 जिलों में बारिश और वज्रपात की संभावना है।
मध्य प्रदेश में इन दिनों आसमान से कहर बरस रहा है। मूसलाधार बारिश से मध्य प्रदेश बेहाल, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात स्कूल बंद|अलग-अलग मौसमी सिस्टम के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है। शुक्रवार को जहां 27 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई, वहीं शनिवार को हालात और बिगड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग ने 28 जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। कहीं नदियाँ उफान पर हैं तो कहीं सड़कों पर पानी ही पानी फैला है।
नदी-नालों में उफान, गांवों में बाढ़ जैसे हालात
लगातार हो रही तेज बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जबलपुर में 9 घंटे में 72 मिमी (करीब 3 इंच) बारिश हुई, जबकि भोपाल, ग्वालियर और मंडला समेत कई शहरों में भारी जलभराव देखने को मिला। मंडला में तो हालात इतने बिगड़ गए कि NH-30 पर लैंडस्लाइड हो गया और जबलपुर-मंडला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। नर्मदा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर तक पहुंच गया है।
स्कूल बंद, राहत टीमें फंसी
भारी बारिश को देखते हुए मंडला और डिंडौरी में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। अब ये स्कूल सोमवार को खुलेंगे। राहत की बात ये नहीं कि राहत टीमें लोगों तक पहुंच पा रही हैं – मंडला के कारिया गांव में पानी भरने के कारण SDERF की टीमें भी फंस गई हैं।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान: 8 जुलाई तक आफत की बारिश तापमान में हो रहा बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार 8 जुलाई तक मध्य प्रदेश में बारिश का यही रुख बना रहेगा। पूर्वी हिस्सों में ज्यादा असर रहने की संभावना है। ऊपरी हवा में चक्रवाती परिसंचरण और बंगाल की खाड़ी से राजस्थान तक फैली मानसूनी द्रोणिका इस हालात के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है।

जुलाई में पहली बार अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिन के तापमान में 1.7 डिग्री और रात के तापमान में 0.6 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। पहले उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही थीं, लेकिन अब पूर्वी-दक्षिण-पूर्वी हवाओं के प्रभाव से वर्षाती मौसम का असर बढ़ने लगा है।
6 जुलाई से असर दिखाएगा मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश का दौर, इन जिलों में अलर्ट

जिलावार अलर्ट: कहां कितना खतरा?
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शनिवार, 5 जुलाई
- अति भारी बारिश (Orange Alert): जबलपुर, मंडला, बालाघाट, कटनी, दमोह, नरसिंहपुर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम
- भारी बारिश (Yellow Alert): भोपाल, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, देवास, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, शहडोल, डिंडौरी, अनूपपुर सहित अन्य जिले
रविवार, 6 जुलाई
- भारी बारिश: भोपाल, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, राजगढ़, गुना, विदिशा, पांढुर्णा
सोमवार, 7 जुलाई
- अति भारी बारिश (Orange Alert): जबलपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट, रायसेन, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर
- भारी बारिश: शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नर्मदापुरम, सागर, छतरपुर, दमोह, कटनी, उमरिया, डिंडौरी
मंगलवार, 8 जुलाई
- अति भारी बारिश (Orange Alert): जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, रायसेन, नरसिंहपुर, पांढुर्णा, नर्मदापुरम
- भारी बारिश: सीहोर, बैतूल, सागर, दमोह, कटनी, डिंडौरी, उमरिया

मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश के 27 जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर भोपाल, जबलपुर, कटनी, दमोह, सागर, रीवा, सतना, इंदौर, मंदसौर, नीमच, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना और शिवपुरी जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। वहीं, भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।
आर्द्रता में गिरावट दर्ज

बुधवार को प्रदेश में आर्द्रता घटकर 32% तक पहुंच गई, जिससे मौसम शुष्क महसूस होने लगा। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले कुछ दिनों में आर्द्रता बढ़ सकती है और वातावरण में ठंडक महसूस होगी।

- मौसम में संभावित बदलाव के असर
- बारिश और वज्रपात के कारण किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।
- जिन क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना है, वहां लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
- तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी-गर्मी का मिश्रित असर देखने को मिल सकता है।
- बारिश से जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे जल आपूर्ति में सुधार होगा।
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मध्यप्रदेश में जून के अंत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बारिश और वज्रपात को देखते हुए प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, आगामी दिनों में प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

सावधान रहें, सुरक्षित रहें
प्रदेश के लोगों से अपील है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें, नदियों और जलभराव वाले क्षेत्रों के पास न जाएं और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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आसमान से बरस रही मुसीबत
मध्य प्रदेश इस वक्त एक गंभीर मौसम संकट का सामना कर रहा है। बारिश जहां राहत का जरिया मानी जाती है, वहीं अब ये कई जिलों के लिए मुसीबत बन चुकी है। मौसम विभाग की चेतावनियों को हल्के में न लें, क्योंकि आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
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