विचार

Indian Philosophy Truth and Non Violence

भारतीय दर्शन में महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा का महत्त्व | Mahatma Gandhi Importance of truth and non-violence in Indian philosophy

भारतीय सभ्यता का इतिहास बहुत ही प्राचीन है साथ ही भारतीय दर्शन में सत्य और अहिंसा का महत्त्व (indian philosophy truth and no-nviolence)। ज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में भारतीयों की प्राचीनकालीन प्रगति के चिन्ह मिलते है। दर्शन ओर धर्म के क्षेत्र में तो प्राचीन काल में इनका पूर्ण विकास हो चुका था। पारम्परिक भारतीय चिन्तन में सत्य एवं अहिंसा विषयक चिन्तन भारतीय दर्शन में सत्य और अहिंसा का महत्त्व (indian philosophy truth and non-violence)।

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Nonviolence

गाँधी जी के अनुसार अहिंसा के चार स्तर

इस प्रकार गाँधी जी की अहिंसा के चार स्तर हैं । यदि हम मानव प्रतिष्ठा के मापदण्ड से अहिंसा के स्तरों में भेद करें तो हम अहिंसा के स्तरों को सही ढंग से जान सकेंगे । कायर निम्न स्तर पर वह कायर है, जो प्रतिकार नहीं कार्ता । यह एक ऐसा व्यक्ति हैं जो मय

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Nonviolence in Indian Philosophy

भारतीय दर्शन में अहिंसा

हमारे भारतीय दर्शन में अहिंसा पे कुछ श्लोक मिलते हैं जो प्राचीन के साथ-साथ महत्वपूर्ण और विशेष सारगर्मित हैं। “जो मनुष्य किसी को राक्षव भाव से नष्ट करना चहता है, वह स्वयं अपने कर्मों से नष्ट हो जाता है।” – ऋग्वेद “आप अपने शरीर से किसी को पीड़ित न करें।” – यजुर्वेद “अहिंसा परम धर्म

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Choice Right or Wrong

चुनाव सही या गलत

चुनाव सही या गलत इस बात पर निर्भर करता है कि जिसे आपने चुना है वह चॉइस आगे आने वाले समय में आपके लिए सही रहेगी या आप के फायदे के लिए रहेगी या फिर आपकी मुसीबत बनेगी और आपकी गलत रहेगी इस पर निर्भर करता है।कोई भी व्यक्ति कभी जब चुनाव करता है तो

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Road to success

सफलता के रस्ते

जीवन पथ ( मार्ग) बड़ी मुश्किल और कठिन डगर है, हम अपनी मंजिलें तो तय कर लेते हैं। मंजिलों को पाने के लिए हम कितना भी तय कर लेते। परंतु उस मंजिल तक जाने वाले रास्ता और उस रास्ते पर पड़ने वाले पड़ाव मोर कहीं-कहीं तो थोड़ी बहुत तो कड़वी लगती। पढ़ना तो हम ठोकर

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