11 जुलाई शुक्रवार से श्रावण मास (सावन) की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है। यह पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और पूरे देश में शिवमंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है। वातावरण “हर हर महादेव” के जयघोष और घंटियों की ध्वनि से शिवमय हो जाता है।
सावन मास में शिवभक्ति के नियम जानिए
सावन मास न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय शिवलिंग का जलाभिषेक, मंत्र जाप और संयमित जीवनशैली से व्यक्ति अपने जीवन की बाधाओं और मानसिक कष्टों से मुक्ति पा सकता है।
सावन मास में क्या करें?
- रोजाना शिवलिंग का अभिषेक करें – सुबह के समय शुद्ध जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
- व्रत और पूजा का पालन करें – सभी सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत, नाग पंचमी और सावन शिवरात्रि का पालन करें।
- मंत्र जाप करें – रोज़ “ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- दान करें – गाय, ब्राह्मण, गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान पुण्यदायी माना जाता है।
सावन मास में क्या न करें?
- तामसिक भोजन से परहेज करें – मांस, मछली, अंडा, लहसुन और प्याज से दूरी रखें, क्योंकि ये तामसिक प्रवृत्तियों को बढ़ाते हैं।
- शारीरिक सज्जा से बचें – बाल कटवाना, नाखून काटना या दाढ़ी बनवाना, खासकर सोमवार को वर्जित है।
- शुभ कार्य स्थगित करें – विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य सावन में नहीं करने चाहिए (धार्मिक कारणों से)।
- बुरे विचारों और शब्दों से बचें – झूठ बोलना, अपशब्द कहना, क्रोध करना व अपवित्र वस्त्र पहनना वर्जित माना गया है।
- तुलसी पत्र अर्पित न करें – शिवलिंग पर तुलसी पत्र चढ़ाना शास्त्रों के विरुद्ध है।
- काले-लाल वस्त्र न पहनें – इन रंगों को तामसिक माना गया है। सावन में हरा, पीला और सफेद रंग शुभ माने जाते हैं।
सावन के नियम क्यों जरूरी हैं?
सावन सिर्फ मंदिर जाकर व्रत रखने का समय नहीं है, यह महीना आत्मशुद्धि, संयम और ध्यान का समय है। इस दौरान खानपान, विचार और व्यवहार को शुद्ध रखना जरूरी होता है।
जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ग्रहदोषों से परेशान हैं, उनके लिए सावन में शिव की उपासना विशेष लाभकारी मानी जाती है। खासकर चंद्रमा, शनि और राहु से संबंधित दोष सावन में शिवपूजन से शांत किए जा सकते हैं।
सावन मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं तो निश्चित ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कर सकते हैं।
इस सावन, शिव को प्रसन्न कीजिए और उनके आशीर्वाद से जीवन को शुभ और समृद्ध बनाइए। हर हर महादेव!