18 September 2022
राजा शंकर शाह के की अध्यक्षता में गढ़ा पुरवा में एक बैठक हुई जिसमे रानी अवंतीबाई बाई लोधी , आसपास के जमीदार ,नारायणपुर स्टेट के राजा ठाकुर कुंदन सिंह शामिल थे
महल के गद्दारों से अंग्रेजों को राजा शंकर शाह की रणनीति का पता लग गया। जिससे अंग्रेजों ने उन्हें धोके से बंदी बना लिया और तोप के मुहं से बंधकर राजा साहव और कुंवर रघुनाथ शाह को उड़ा दिया।
राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान से लोगों में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी और लोगों ने अंग्रेजो से विद्रोह कर दिया और अंग्रेजों की कई चौंकियां तवाह कर दी।
1857 की क्रांति में महानायक राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ने मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपने प्राणों को उत्सर्ग कर दिया। यह हमेशा भारत के नवयुवकों और वीरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे।
अभिषेक सिंह
संपादक
संस्थापक
लेखक
अमर शहीद ठाकुर कुंदन सिंह मेरे पूर्वज हैं
अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए आदिवासियों के वलिदान का गौरव लेख
मुझे गर्व है की मैं आदिवासी समुदाय से हूँ